THE ULTIMATE GUIDE TO SHIV CHALISA LYRICS WITH MEANING

The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning

The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning

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कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन पढ़ सकते है।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

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सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत more info के लंक विभीषण दीन्हा॥

आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

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